--- सुदर्शन फ़कीर
शेख़जी थोड़ी-सी पीकर आइये,
मय है क्या शह फिर हमें बतलाइए।
आप क्यों है सारी दुनिया से खफ़ा?
आप-भी दुश्मन मेरे बन जाइए।
क्या है अच्छा, क्या बुरा है बन्दा-नवाज़?
आप समझे तो हमें समझाइए।
जाने दीजे अक्ल कि बातें जनाब,
दिल कि सुनीये और पीते जाइए।
मंगलवार, 27 नवंबर 2007
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